नेविगेशन इन
इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC)
👉यह एक भारतीय
क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) है, जिसे भारतीय
अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित
किया गया है।
👉 IRNSS में आठ उपग्रह हैं, इसके अंतर्गत भूस्थैतिक कक्षा में तीन उपग्रह और भू-समकालिक कक्षा में पाँच
उपग्रह शामिल हैं।
👉यह स्थापित और
लोकप्रिय अमेरिकी ‘ग्लोबल पोज़ीशनिंग
सिस्टम’ (Global Positioning System- GPS) की तरह ही काम करता है, लेकिन यह
उप-महाद्वीप के लगभग 1,500 किलोमीटर
क्षेत्र को ही कवर करता है।
👉इसे मोबाइल टेलीफोन
मानकों के समन्वय के लिये वैश्विक संस्था ‘3rd जनरेशन पार्टनरशिप प्रोजेक्ट’ (3GPP) द्वारा प्रमाणित किया गया है।
उद्देश्य:
👉इसका मुख्य
उद्देश्य भारत और उसके पड़ोसियों को विश्वसनीय नेविगेशन सुविधाएँ और समय सबंधी
सेवाएँ प्रदान करना है।
संभावित उपयोग :
👉स्थलीय, हवाई और समुद्री नेविगेशन
👉आपदा प्रबंधन
👉वाहन ट्रैकिंग और
पोत प्रबंधन (विशेष रूप से खनन और परिवहन क्षेत्र के लिये)
👉मोबाइल फोन के
साथ संयोजन
👉सटीक समय (एटीएम
और पावर ग्रिड हेतु)
👉मैपिंग और
जियोडेटिक डेटा
अन्य वैश्विक
नेवीगेशनल प्रणालियाँ:
बाइडू (चीन)
गैलीलियो (यूरोप)
ग्लोनास (रूस)
क्वासी-ज़ेनिथ
सैटेलाइट (जापान)
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