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Thursday, February 18, 2021

नेविगेशन इन इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC)

 
नेविगेशन इन इंडियन कांस्टेलेशन (NavIC)

 

👉यह एक भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित किया गया है।


👉 IRNSS में आठ उपग्रह हैं, इसके अंतर्गत भूस्थैतिक कक्षा में तीन उपग्रह और भू-समकालिक कक्षा में पाँच उपग्रह शामिल हैं।


👉यह स्थापित और लोकप्रिय अमेरिकी ग्लोबल पोज़ीशनिंग सिस्टम’ (Global Positioning System- GPS) की तरह ही काम करता है, लेकिन यह उप-महाद्वीप के लगभग 1,500 किलोमीटर क्षेत्र को ही कवर करता है।


👉इसे मोबाइल टेलीफोन मानकों के समन्वय के लिये वैश्विक संस्था ‘3rd जनरेशन पार्टनरशिप प्रोजेक्ट’ (3GPP) द्वारा प्रमाणित किया गया है।


उद्देश्य:

 

👉इसका मुख्य उद्देश्य भारत और उसके पड़ोसियों को विश्वसनीय नेविगेशन सुविधाएँ और समय सबंधी सेवाएँ प्रदान करना है।


संभावित उपयोग :

 

👉स्थलीय, हवाई और समुद्री नेविगेशन

👉आपदा प्रबंधन

👉वाहन ट्रैकिंग और पोत प्रबंधन (विशेष रूप से खनन और परिवहन क्षेत्र के लिये)

👉मोबाइल फोन के साथ संयोजन

👉सटीक समय (एटीएम और पावर ग्रिड हेतु)

👉मैपिंग और जियोडेटिक डेटा


अन्य वैश्विक नेवीगेशनल प्रणालियाँ:

 

बाइडू (चीन)

गैलीलियो (यूरोप)

ग्लोनास (रूस)

क्वासी-ज़ेनिथ सैटेलाइट (जापान)

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