बारिश के बाद मिट्टी से सुगंध क्यों आती है?
>>क्या आपने कभी
ध्यान दिया है कि जब सूखी धरती पर बारिश की बूंदें गिरती हैं तो सौंधी सी खुशबु
आती है. ऐसा क्यों होता है. क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है? आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.
>>बारिश सबको
अधिकतर अच्छी लगती है. गर्मी के मौसम में बारिश का सबको इंतज़ार रहता है. जब बारिश
की बूंदें सूखी धरती पर पड़ती हैं तो एक अलग प्रकार की सौंधी खुशबू आती है जो सबका
मन मोह लेती है. परन्तु क्या आपने कभी सोचा है कि ये खुशबू क्यों आती है, इसके पीछे क्या कारण हो सकता है? क्या वैज्ञानिकों ने इसका कोई कारण बताया है या
नहीं. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.
मिट्टी से उठने
वाली महक के मुख्य तीन कारण हो सकते हैं:
पहला कारण है
ओजोन का होना. वैज्ञानिकों के अनुसार बारिश के बाद वायुमंडल में फैली हुई ओजोन गैस
की कुछ मात्रा पानी में घुल जाती है, जिसकी वजह से महक या खुशबु आती है. हम आपको बता दें कि ओजोन गैस की गंध
क्लोरीन गैस की तरह थोड़ी तीखी होती है.
दूसरा कारण है
बैक्टीरिया का होना. वैज्ञानिकों के अनुसार मिटटी में एक अलग प्रकार का बैक्टीरिया
पाया जाता है जिसके कारण भी महक आती है.
तीसरा कारण है पेड़ों का या पौधों का लगातार तेल स्रावित करते रहना. जब बारिश पड़ती है तब उसकी बूंदों के साथ यह तेल तेजी से पूरे वातावरण में फैल जाता है. वैज्ञानिकों के अनुसार बारिश, पानी और मिटटी कुछ इस प्रकार क्रिया करते है, जिससे एक अजीब सी खुशबु या सुगंध आती है.
आइये अब अध्ययन
करते है मिटटी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया के बारे में ::
ये हम सब जानते
हैं कि बारिश की बूंदों में कोई खुशबु नहीं होती है परन्तु जब ये धरती को स्पर्श
करती हैं और धूलकणों से मिलती हैं तब एक प्रकार की सौंधी खुशबु आती है. इस खुशबु
को 'पेट्रिकोर'
(petrichor) कहा जाता है. यह ग्रीक
भाषा शब्द पेट्रा से बना है, जिसका अर्थ है
स्टोन या आइकर. हम आपको बता दें कि 'पेट्रिकोर' शब्द का प्रयोग 1964 में दो ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने मौसम का
अध्ययन करने के बाद किया था. साथ ही कैंब्रिज में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ
टेक्नोलॉजी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर कुलेन बुई ने कहा,
“दरअसल, पौधों द्वारा उत्सर्जित किए गए कुछ तैलीय पदार्थ व बैक्टीरिया द्वारा
उत्सर्जित कुछ विशेष रसायन बारिश की बूंदों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हम ऐसी सोंधी खुशबू महसूस
करते हैं.”
इसे ऐसे समझा जा
सकता है कि जब बारिश होती है तो मिट्टी में मौजूद नोकार्डिया बैक्टीरिया धरती के
गीले होने पर गैसोमाइन नाम का रसायन स्रवित करते हैं. जिसके कारण मिटटी से खुशबु
आती है. साथ ही जब बारिश नहीं होती है तो कुछ पौधें सूख जाते हैं और उनके अंदर
मौजूद आयल निकल जाता है और हवा में गायब हो जाता है. जब बारिश होती है तो ये तेल
हवा में बाहर निकल जाता है. इसके बाद एक और प्रक्रिया होती है जिससे मिटटी में
रहने वाले बैक्टीरिया कई प्रकार के केमिकल्स बनाते हैं जिसे actinomycetes नाम से जाना जाता है. ये खुशबूदार योगिक बारिश
के बाद गंध पैदा करने में अहम भूमिका निभाते हैं. जब बारिश की बूंदें धरती की
छिद्रयुक्त सतह पर गिरती हैं, वह हवा के
छोटे-छोटे बुलबुलों में तब्दील हो जाती है. ये बुलबुले फूटने के पहले ऊपर की और
बढ़ते हैं और हवा में बेहद छोटे-छोटे कणों को बाहर निकालते है, जिसे ‘एरोसॉल’ कहते है. ये
एरोसॉल भी सौंधी खुशबु बिखेरने में भूमिका निभाते हैं.
तो अब आप जान गए
होंगे कि किस प्रकार बैक्टीरिया और पौधों में मौजूद आयल बारिश के बाद मिटटी से
सौंधी खुशबु बिखेरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
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